उसकी उम्र ज्यादा नही थी, बामुश्किल 12- 13 साल का होगा, मौ ली लियो, बिल्कुल शुद्ध मौ ली लियो की आवाज लगाता हुआ ,वो हर दो चार दिन मे भीमताल की बाजार में दिख जाता था। मैनें इस दौरान देखा की उसके खरीददार ,उसका बहुत सा शहद तो चखने के नाम पर खा जाते थे ,जि़ससे उसको उसकी मेहनत का पूरा फायदा नही मिल पाता होगा,पर वो किसी को चखने से मना नही करता था। मैनें उससे पूछा की, क्या तुम मधुमक्खी पालते हो तो वो बोला ना हो सैप, उक थें बक्स चाणी ओर बक्स लीजी पैंस, मेर पास क्या नहा, तब उसे टोकते हुये मैनें पूछा फिर तुम ये शहद कहाँ से लाते हो, तब उसने बताया की जंगव में बैठि लों, अब जंगव ले कम है गी तो मौ ले कम मिलूँ । घर में कौन कौन है पूछने पर उसने बताया की ईजा है बस, बौज्यू शराब पी छी, एक दिन लड़ा है पड़ी ईज बौज्यू बीच तो उ हमुके छोड़ बेर लह गी,खेतीबाड़ी छ नहा, एक टुट्टी कुड़ी छ उ में ही रोणू। कितनी कमाई हो जाती है पूछने पर उसने बताया की, कमाईक की बतों सैप, बस गुजार हैं जाँ जस्ये तस्यै, मौ मिल जाँ तो पुर महण खा लीणु भैली कें, न मिलण तो आदुक पेट खा लीणु। वो जिस तरह से अपने बारे में बता रहा था, उस...
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