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मधी बू

ताव खाती मूँछें , तना चेहरा ओर एकदम फिट लगने वाले ठहरे मधी बू। 

गाँव से थोडा सा दूरी पर रहते थे एकदम अकेले , साथी कहने के नाम पर ठहरा तो एक भोटिया कुकुर , ऐसे तो गाँव में अनेक लोग अकेले रहने वाले हुये , पर मधी बू ने तो शादी ही नही की थी।
कुछ वर्षों पहले तक जरूर उनकी ईजा साथ थी , पर 100 साल की उम्र में वो भी मधी बू का साथ छोड़ कर चल दी थी , तबसे पूरी तरह अकेले रह गये थे मधी बू। 
70  - 75 साल की उम्र में भी जवानों जैसा काम कर लेते थे , घास पानी से लेकर लकड़ियाँ काट कर लाने का। 
उनसे बात करने का बडा मन होता था , पर वो अधिकतर व्यस्त ही रहते थे , एक दिन जंगल से लौटते समय बाट में भेट  हो पड़ी उनसे ,उस दिन मौका मिल गया ठहरा की , मधी बू के बारे में जानकारी ले ली जाये।
तो चलते चलते बातों का सिलसिला चालू कर दिया , इस उम्र में भी इतना काम कैसे कर लेते हो पूछ्ने पर उन्होंने बताया की। 

देख पोथिया शुद्ध खाओ , खूब काम करो ओर किसी झंझट में ना पड़ो , जो है उसमें संतोष कर लो , तो बुढ़ापा महसूस नही होगा। 

कह तो सही रहे थे मधी बू वैसे तो  , ये झंझटें ही तो व्यक्ति को कमजोर कर देती हैं। 

शादी क्यों नही की सवाल करने पर , ठहाका लगाकर बोले - ये तो सबसे बडी झंझट ठहरी। 

मैंनें उनसे जोर देकर पूछा कोई तो कारण रहा होगा ना बूबू। 

तब मधी बू बोले - पोथिया बात ऐसी ठहरी के हम सात भाई ओर दो बहिने थे , मैं ठहरा घर का सबसे छोटा , ईजा ने बडे दुलारे से पाला ठहरा हम सबको , थोडा बडे हुये तो बोज्यू चल बसे , ईजा ने ही बडी मुश्किलातों के बीच हम सबको पाला , फिर बडे भाइयों व बहिनों की शादी भी की। 

ब्वारियाँ आ गई तो ईजा को लगा अब थोडा कष्ट दूर हो जायेंगे , उसे थोडा आराम मिलेगा पर ऐसा हुआ नही, ब्वारियाँ ढंग की नही आ पाई , वो ईजा का ध्यान नही रखती थी , हमको टाइम पर खाना खिलाने वाली ईजा को ही टाईम पर खाना ही नही मिलता था।

तब में लकड़ी के चिरान का काम करता था , तो बाहर ही रहता था , जब मुझे ये पता लगा तो मैंनें बडे भाइयों से कहा पर उन्होंने भी ध्यान नही दिया।
बस फिर क्या था , मुझे आ गई ठहरी जोर की रीस , भाइयों भाभियों को खूब सुनाया , ओर ईजा का हाथ पकड़ कर उसे यहाँ ले आया , तब से सारे संबंध खत्म कर दिये उन लोगों से , क्या रखना ठहरा ऐसों से रिश्ता , जों माँ को ही ना पाल सके। 

मेरे लिये तो ईजा से बढ़कर कुछ नही ठहरा , उसने कितनी मुश्किलें उठा कर हमें पाला हमें , बस तब से यही रहता था ईजा के साथ।

पर शादी क्यों नही की आपने , क्या ईजा ने नही बोला कभी के शादी कर ले ,इस पर मधी बू बोले,पोथिया ईजा ने बहुत कहा के मधिया ब्या कर ले रे , कब तक एस्ये रोट पकाते रोले , को खाल तेरी जमीन जायदाद , कस्ये चलोल तेर वंश , पर मैंनें भी ईजा को कह दिया , अगर ब्या बात करली तो जोगी बण जोंण , ईजा ये सुनकर डर से चुप हो गई। 

म धी बू बोले मैंनें शादी इसलिये भी नही की के ,  कहीं ढंग की बहु नही आई तो ईजा का क्या होगा , अब तो मेरे बाद उसका , कोई दूसरा च्याल भी नही ठहरा , जो उसकी देखभाल कर लेता , ओर मैं ईजा को फिर से मुसीबत में नही डालना चाहता था।

मधी बू की कहानी सुनकर दिल उनके प्रति श्रद्धा से भर गया , कैसे एक बेटे ने अपनी ईजा के लिये त्याग किया , हालाँकि ईजा के त्याग के सामने तो ये कुछ नही था , पर किसी भी मायने आज के दौर में ये कम भी नही था। 

स्वरचित 
सर्वाधिक सुरक्षित

English version 

Madi Boo

Story in hindi

The mustache  the stems face and the sweet boo that looks perfectly fit.


 He lived a short distance from the village, completely alone, in the name of being called a companion, a Bhotia Kukur, so many people stayed alone in the village, but Madhi Bu did not marry.Stories in hindi

 Until a few years ago, she was definitely with her Ija, but at the age of 100, she too left Madhi Boo and left completely alone since then Madhi Boo.


 Even at the age of 70 - 75 years, he used to do the work of jawans, to bring grass from water and cut wood.

 There was a big desire to talk to him, but he was mostly busy, one day while returning from the forest, he had to meet him in the baat (way), got a chance that day, information about Madhi Bu  Be taken.Stories in hindi


 So, on the go, we started a series of things, he asked when asked how do you do so much work even at this age.


 Watch Pothia eat pure, do a lot of work and don't get into any mess, take satisfaction in what you have, then you will not feel old age.Stories in hindi
 They were right to say madhi boo anyway, only these messes make a person weak.


 When asked why not marry, he laughed and said - this was the biggest mess.


 I insisted to ask them, there must have been some reason, not Bubu.


 Then Madhi boo said - Pothia we were seven brothers and two sisters in such a situation, I stayed the youngest of the house.


 Eaja raised all of us with great affection, when Bojue (father) settled down a little bit, Eaja raised all of us amidst great difficulties, then got married to elder brothers and sisters.
Stories in hindi

 If the daughters-in-law arrived, Eaja felt that now the suffering will be overcome, she will get some rest, but it did not happen.


 The bawaris could not come in the manner, she did not take care of Ija, Ija, who fed us on time, could not get food on time.


 Then I used to work as a wood chin, then stayed outside, when I came to know of this, I told the elder brothers, but they also did not pay attention.


 Just what was it again, I came to a very loud jiari reas (loud anger), narrated a lot to brothers and sisters, and took Ija's hand and brought her here, since then I ended all relations with those people, what to keep?  Relations with such people, they could not raise their mother.


 Nothing was more important to me than to Eaja, she raised many difficulties and brought us up.


 But why didn't you get married, did Eaja never say never asked to marry?


 Pothia Eaja said a lot that sweethearts are ready, how long do you like to cook roti (will continue to cook bread), kho khil (who will eat) your land property, kasye (how) charol (will run) ter dynasty, but I  She also told Eaja, if she talks about marriage (Jogi Ban Jonon) (I will become a monk), Eaja again falls silent.Stories in hindi


 I did not even get married, because if there is no way of getting in, what will happen to Eaja, now she is not followed by me, no other girl (son), who would take care of her, and I will trouble Eaja again.  Did not want to put in


 Hearing the story of Madhi Boo, the heart was filled with reverence for him, how a son sacrificed for his Ija, though it was nothing in front of Ija's sacrifice, but it was not less in any sense today.

Scripted story
Copyright

टिप्पणियाँ

  1. धन्य हैं आप अर्जुन सिंह जी।।लिखते भी अर्जुन की तरह हो एकदम सटीक निशाने पर।।

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  2. आभार आपके सबल भरे शब्दों के लिये....

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  3. बहुत बढ़िया लेखनी आपकी कहानियां पड़ के आनन्द आ जाने वाला ठहरा🙏

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  4. बहुत सुंदर आज के युग में अधिकतर घरों की कहानी यही है भावनात्मक

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