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नान्नी गुड्डी - Little Guddi

गुड्डी की उम्र होगी ज्यादा से ज्यादा 10 साल, पर काम की भूत ठहरी, ओर ये शौक लगा ठहरा उसे अपनी आमा से।

गुड्डी की आमा बड़ी सफाई पसंद ओर काम की चटपट थी, इस उम्र में भी घर के सारे काम जब तक खुद ना कर ले उसे चैन नही आता था, इसके चलते वो सुबह जल्दी उठ कर घर के सारे काम निपटा देती थी, ओर उन्हें काम करता देख नान्नी गुड्डी भी ये सब सीख गई।

गुड्डी जब थोडा़ थोडा़ चलने लगी तभी से वो अपनी आमा के काम की नकल करने लग गई थी, आमा झाड़ू लगाती तो, वो भी झाड़ू पकड़ कर, झाड़ू लगाने लगती, आमा घर की लिपाई करती तो, वो भी लीपने लगती।
गुड्डी पूरी तरह से आमा बनने की कोशिश करती , आमा गुड्डी को डांटती भी रहती के सार काम बिगाड़ हालो ये खड़ियोन हानी ली, मेर लिपी बिगाड़ हालो,पर गुड्डी को कोई फर्क नही पड़ता, वो तो बस आमा की नकल करती हुईं, वही काम करती जो उसकी आमा कर रही होती।

आमा पोती की ये जोड़ी दिनभर यों ही घर के काम काज में जुटे रहते, आमा काम करती ओर गुड्डी उसी काम की नकल करती हुईं, काम को अपने हिसाब से करती हुईं, अक्सर काम को बिगाड़ देती,ये देख आमा गुस्सा भी होती, पर नन्ही गुड्डी मुस्कुरा कर उसका गुस्सा शाँत कर देती।
गुड्डी की आमा अक्सर उसे कहती भी थी की, बड शौक लाग रो त्वेकं कामक , जब काम करणी वाई होली तो भाज जाली।

इधर गुड्डी जैसे जैसे बड़ी होती जा रही थी, उसकी काम के प्रति लगन बढ़ती जा रही थी, वो अब हर काम को ठीक से करना सीख गई थी, काम करते हुये वो ,बीच बीच में अपनी आमा से बोलती  रहती की , काम ठीक तो करणी न मैं।

गुड्डी आमा की कस्टडी में रहते हुये लगभग सारे कामों में पारंगत सी हो गई थी।

गुड्डी को काम करते देख गाँव के लोग अपनी लड़कियों को ताना मारते हुये कहते भी थे की, गुड्डी कें देखों कस भली के सार काम करें, एक तुम छा जो क्याई कामक न छा।

गुड्डी थोड़ी ओर बडी हुईं तो , उसने अपनी आमा से वो काम भी सीख लिये, जो वो कम उम्र के कारण नही कर पाती थी।

गुड्डी अपनी आमा के साथ ही सोती थी, इसके चलते वो सुबह आमा के उठते ही उठ जाती, आमा चूल्हे पर नहाने का पानी गर्म करने के लिये रखती, ओर गुड्डी उसमें लकड़ियां डालती रहती, जब आमा गोरू का दूध निकालने गोठ जाती तो, गुड्डी एक कपड़ा पकड़ कर, गोरू को हवा लगाती रहती,दूध निकालने के बाद उसे गर्म करने के लिये एक चूल्हे पर रख दिया जाता, ओर दूसरे चूल्हे पर चाय, फिर दोनों आमा पोती घर की झाड़ू निकालते, बीच बीच में गुड्डी चाय ओर दूध को देखने चूल्हे तक जाकर, अपनी आमा को उनकी पोजीशन बताती रहती, जब तक झाड़ू लगती, उधर चाय बन जाती, फिर गुड्डी अपनी ईजा बौज्यू को उठाकर चाय पीने के लिये बुला लाती।
एक चीज ऐसी थी जो गुड्डी ओर उसके सब घर वालों को बेहद पसंद थी, वो थी भाँग की चटनी, वो भी गुड्डी की ईजा के हाथ की बनी, इसलिए गुड्डी उस काम को अपनी ईजा को ही करने देती थी,वरना तो गुड्डी के दखल के बिना कोई काम होता नही था घर में।
गुड्डी वैसे तो अक्सर आमा के साथ घर के काम करती थी, पर कभी कभी अपनी ईजा के साथ घास काटने भी चल देती, बिल्कुल अपनी ईजा की वेशभूषा में, पूरी नकलची जो ठहरी ।
नन्ही गुड्डी फैशनेबल भी कम नही थी, वो बात अलग थी की, उसके फैशन आइकान उसके आमा ओर ईजा होते थे, वो कभी आमा की तरह रहती तो ,कभी अपनी ईजा की तरह ,गुड्डी उस पोशाक में लगती भी सुँदर थी।
गुड्डी के खाने की स्टाईल भी बिल्कुल पहाड़ी थी, दाल भात को जब तक सपोड कर नही खाती, उसे मजा ही नही आता, अपनी ईजा के साथ कभी कभी भदियाली में भी खाने बैठ जाती, ये देख उसकी आमा कहती भदियाई मे न खा, तेर ब्या दिन झौड पडोल, पर गुड्डी तो गुड्डी  ठहरी, जो मन करता वही करती, सच में बडी प्यारी ओर बड़ी नटखट थी गुड्डी।

स्वरचित लघु कथा 

सर्वाधिकार सुरक्षित

English Version

Little Guddi
 Guddi's age will be at most 10 years, but she was fond of work, and she felt fond of seeing her grandmother.

 Guddi's grandmother was very fond of cleanliness, even at this age, she could not rest until she did all the household chores herself, due to this she used to wake up early in the morning and do all the household chores, and seeing her working, Guddi also Learned all this.

 When Guddi started walking little by little, since then she started imitating the work of her grandmother, when her grandmother used to sweep, she also used to hold the broom and started sweeping, if grandmother used to wrap the house, she would also start applying.
 Guddi tries to be like a grandmother, Grandma keeps scolding Guddi and spoiled all the work, this girl , but Guddi doesn't care, she just imitating Grandma,  She used to do the same work that her grandmother was doing.

 This pair of grandmother granddaughter would be busy with household chores throughout the day, grandmother was working and Guddi was copying the same work, doing the work according to her own, often spoiling the work, seeing this grandmother would get angry too, but  The little Guddi would smile and pacify her anger.
 Guddi's grandmother often used to tell her that, you feel like a big hobby, when you get the age to work, you will run away.

 Here, as Guddi was getting young, her passion for work was increasing, she had now learned to do everything properly, while working, she kept asking her grandmother in between to do the work properly.

 In this way, Guddi had become proficient in almost all the tasks while staying in the custody of the grandmother.

 Seeing Guddi working, the people of the village used to taunt their girls that look at Guddi, how well it works, you are the one who is of no use.

 When Guddi grew up a little more, she also learned those things from her grandmother, which she could not do due to her young age.

 Guddi used to sleep with her grandmother, because of this, she would wake up herself in the morning as soon as she woke up, grandmother would keep the bath water on the stove for heating, and Guddi kept putting wood in it, when the grandmother went to milk the cow.  Guddi, holding a cloth, kept blowing air to the cow, after extracting the milk, it was placed on a stove to heat it, and tea on the other stove, then both grandmothers took out the broom of the granddaughter's house, in between Guddi tea and  Going to the stove to see the milk, she kept telling her position to her grandmother, till the broom used to make tea there, then Guddi would pick up her mother and father and call her to drink tea.
 There was one thing that Guddi and all her family members liked very much, that was cannabis chutney, that too was made by Guddi's mother, so Guddi used to let her mother do that work, otherwise Guddi's interference.  Without it there would be no work in the house.
 Although Guddi often used to do household chores with her grandmother, but sometimes she would also go with her mother to cut the grass, completely in her mother's dress, Guddi was a complete imitator.
 Little Guddi was less fashionable, that thing was different, her fashion icons were her grandmother and mother, sometimes she lived like a grandmother, sometimes like her mother, Guddi was also beautiful.
 The style of Guddi's eating food was also very hilly, she enjoy it until she does not eat lentils, she sometimes sits with her mother to eat in the pan, seeing this her grandmother says, don't eat in the pan.  it will rain a lot on your wedding day, but Guddi was a Guddi, she would do whatever she wanted, she was really cute and very naughty.

 composed short story

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