अभिशप्त - Cursed
गाँव के गधेरे के पार, एक कुड़ी ( घर ) हमेशा मेरा ध्यान खींचती थी, अकेली कुड़ी (घर )पेडों के झुरमुटों के बीच अजीब सी दिखाई देती थी, कई बार मन किया की जाकर देखूँ, आखिर वहाँ रहता कौन है, क्योकिं रात के समय अक्सर आग जलती दिखाई देती थी, कुड़ी के आसपास पेडों का इतना झुरमुट था की ,वहाँ होने वाली कोई हलचल भी दिखाई नही देती थी।
जब भी गाँव जाता, उस कुड़ी को देखने की जिज्ञासा होती, पर जिस किसी से कुछ पूछता तो,वो गोलमोल जवाब में बस इतना ही कहते की वाँ न जान ( वहाँ नही जाते ) पर क्यों नही जाते ये कोई नही बताता था।
जब तक छोटा था तब तक ,कभी हिम्मत भी नही हुईं की, वहाँ अकेला जाया जाये ,गाँव के कोई साथी भी जाने को तैयार नही होते थे, एक बार गाँव के गोपाल को बडी मुश्किल से ,ये कहकर तैयार किया की दूर से देख आयेंगे, पर वो प्लान भी फेल हो पड़ा, पता नही कहाँ से उसके बौज्यू ने देख लिया, ओर फिर उसे सिकडाते हुये घर तक लाये, मेरी आमा को शिकायत कर,मुझे एक चाँटा खिलवा दिया,तबसे तो वहाँ जाने की तमन्ना ओर दब गई।
मेरी आमा ने मुझे उस दिन के अलावा कभी नही मारा था, पर उस दिन की चटाक ने मुझे ये अहसास करवा दिया की ,वहाँ कुछ ऐसा है, जो आमा तक को मुझे मारना पड़ा ओर गाँव के किसी भी आदमी को ,वहाँ जाने से रोकता है, पर क्या होगा कारण ये सवाल मेरे दिमाग में हमेशा मौजूद रहा।
साल बीतते चले गये, कुड़ी वाली बात वैसे ही दिमाग में मौजूद रही ,आमा भी नही रही, पर वहाँ न जाने की ,उसकी हिदायत दिल में मौजूद थी, पर व्यक्ति के दिल में कोई सवाल कौंधता रहता हो तो, व्यक्ति उसका हल खोजने की कोशिश तो करता ही है, ऐसा ही मैनें कर डाला, हुआ यों की आज से करीब 30 साल पहले, जब मेरी उम्र 20 साल की थी, तब मैं अपने एक आद दोस्तों को लेकर गाँव आया था, दोस्तों को पहाड़ घूमना था,ओर मुझे उनके साथ वहाँ जाकर उस कुड़ी का राज जानना था, जहाँ गाँव वाले जाने से मना करते हैं।
मैं पहले से तय कर चुका था की, इस बार गाँव जाकर उस कुड़ी को देख कर आऊँगा, भले ही दूर से ही क्यों ना देखना पड़े, शहर के साथी साथ थे तो, अकेला भी नही था, हालाँकि मैनें उन्हें उस जगह के बारे में कही जाने वाली बात नही बताई थी, क्योकिं अगर मैं उन्हें बताता तो, शायद वो डर जाते ओर जाने से मना कर देते।
एक दो दिन इधर उधर घूमने के बाद, आखिर मैनें उस जगह जाने का प्लान बनाया ओर दूसरे दिन नाश्ता करके हम लोग, रास्ता बदल कर उस कुड़ी की ओर चल दिये, ताकि किसी को शक ना हो की, हम उस ओर जा रहे हैं।
जैसे ही हम गधेरे को पार करके उस कुड़ी की ओर जा रहे थे, मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था, शायद लोगों से सुनी बातों के कारण भय से ,जबकि मेरे साथी मस्ती में उस ओर बढ़े जा रहे थे, क्योकिं उन्हे इस जगह के बारे में कुछ पता ही नही था।
आखिरकार हम उस कुड़ी के पास पहुँच गये , बाहर कोई नही दिखाई दिया, पर आँगन बिल्कुल साफ सुथरा था, यानी कोई रहता था, जिसने इसे साफ कर रखा था, काफी चढ़ाई चढ़ने के कारण हमारा गला सूख गया था प्यास के कारण, दोस्त बोले यार पानी माँग लो इनसे,पर उस कुड़ी के पास आने की वजह से, मेरी आवाज देने की हिम्मत नही हो रही थी, पर पानी की वजह से आखिरकार मुझे आवाज देनी पड़ी, मैनें ये कहते हुये आवाज लगाई की, कोई छ याँ, तीस लाग रे पाणी पीवा दियो,ये सुनकर अंदर से एक अत्यंत वृद्ध महिला निकल कर आई, होगी करीब 80 - 85 साल की, उसने हमें हैरानी के साथ देखा,वो हमें ऐसे देख रही थी, जैसे उसने कोई चीज पहले बार देखी हो।
उसे देख मैनें कहा आमा तीस लाग रे, पाणी दी दियो, उसने हमें पानी पिलाया ओर फिर पूछा काँ बटी ओन छा, जब मैनें उसे सामने गाँव की ओर अँगुली से इशारा करते हुये अपने गाँव का नाम लिया तो, वो बेहद हैरानी से मुझे देखते हुये बोली, वाँ बठी तो याँ कोई न ओन याँ, फिर तुम लोग कस्ये आ गछा,तुमुके कैली मना न करी, मैनें आमा को कहा की मना करा था, पर मैं फिर भी आ गया ,पता नही कब से इस जगह पर आना चाहता था, ओर आज मौका लगा।
मैंने आमा से पूछा की ,गाँव के लोग यहाँ आने से ,क्यों मना करते हैं,तब आमा बोली गों वावों ली मै कें अभिशप्त बता बेर ,मेर दिगाड सब संबंध ,खत्म कर दे कई सालों पैली ,तब बैठी याँ कोई न ओन, पत्त न तुम लोग कस्ये आ छा।
मैं पूरी कहानी सुनना चाहता था आमा से, इसलिए मैनें आमा से कहा की ,आमा मुझे पूरी बात बताओ की क्या बात थी ऐसी, जिसके कारण आपके साथ गाँव वालों ने ऐसा किया।
आमा बोली लंबी कहानि छ पोथिया, बात उन दिनोक छ, जब म्योर ब्या भो, ओर मै याँ आ गई, सब ठीक ठाक छी, पर जब टाइम खराब ओं ,तो चारों तरफ बैठी दगडे ओं, मेर साथ ले यसै भो, मेर याँ आते ही तीन महण बाद सास मर पड़े, गों वावों ली मैं कें सास टोकु बुलाण शुरू कर दे, सासुक बरसी ले न हर छी की म्यार सोर मर पड़ी, गों वाव मैं कें फिर टोक्कु बुलाण पड़ गई, जस्ये तैस्ये उन लोगो की बरसी भै की, एक दिन बूब ( आमा के पति ) रुख काटने गई ओर वाँ बठी लोट बेर मर गई , तब बैठी तो सार गों यो सोचण पड़ी गो की , जो लै मेर दगड रोल उ मर जाल, ओर तब बठी उनुली मैं कें अभिशप्त मान बेर , मेर दिगाड सार संबंध खत्म कर दे, तब बैठे याँ कोई न ओंन डरेली।
आमा की कहानी सुनकर मैं अवाक रह गया की, आज के युग में भी लोग, ऐसी मनघडंत बातों पर विश्वास करके आमा जैसे वृद्ध का बहिष्कार भी कर सकतें हैं।
हमारे देश में इस तरह की घटनाऐ आज भी सुनने को मिल जाती हैं, जहाँ महिलाओं को डायन या अभिशप्त मान कर बहिष्कृत कर दिया जाता है ,ऐसी कुरीतियों का विरोध करना चाहिये ओर बहिष्कृत व्यक्ति को मुख्य धारा में जोड़ने का प्रयास करना चाहिये।
इसके बाद मैं कई बार वहाँ गया, लोगों को समझाया , कुछ माने ओर कुछ नही माने , पर थोडा़ सफलता तो मिली, लोगों का उस बूढ़ी आमा के पास जाने पर जो भय था वो कुछ कम हुआ, लोग अब जाने लगे थे, वहीं आमा बस इस बात से खुश थी की, जब मरुँगी तो, गाँव के लोगों का कंधा नसीब होगा।
स्वरचित लघु कथा
सर्वाधिकार सुरक्षित
English Version
cursed
Across the small river flowing near the village, a house always attracted my attention, the lonely house among the clumps of trees, looked strange, sometimes I wanted to go and see who lives there, because the night At that time, fire was often seen burning, there was so much clump of trees around the house that there was no movement to be seen.
Whenever he went to the village, there was a curiosity to see that house, but whoever asked anything, he would just say in a roundabout answer that he does not go there, but no one would tell why he did not go.
Till the time I was young, I never even dared to go there alone, none of the village friends were ready to go, once prepared Gopal of the village with great difficulty, saying that he would see from far. , but that plan also failed, I don't know from where his father saw him, and then beat him with a thin cane and brought him to the house, complaining to my grandmother, got me a slap too, since then I wanted to go there. Took down.
My grandmother never slap me except that day, but that day's slap made me realize that there is something that even my grandmother had to kill me and prevent any person from the village from going there. But what would be the reason this question was always present in my mind.
Time went on, but the matter of that house remained the same in the mind, even the grandmother was not there, but her instruction not to go there was present in the heart, but if any question keeps flashing in the heart of the person, then the person will solve it. Trying to find it, I have done so, it happened that about 30 years ago, when I was 20 years old, then I came to the village with one of my friends, friends had to roam the mountain, And I had to go there with them to know the secret of the house where the villagers refuse to go.
I had already decided that, this time I will go to the village and see that house, even if I have to see it from a distance, if the city friends were with me, I was not alone, although I told them about that place. I was not told what was to be said, because if I had told them, they might have got scared and refused to go.
After enjoy here and there for a couple of days, I finally made a plan to go to that place and after breakfast on the next day, we changed our way and went towards that house, so that no one doubts that we are going that way.
As we crossed the small river and headed towards that house, my heart was beating loudly, perhaps in fear because of what I had heard from people, while my companions were going to that side in fun, because they Didn't know anything about this place.
Finally we reached near that house, no one was seen outside, but the courtyard was very clean, that is, someone lived who had kept it clean, due to climbing a lot, our throat was dry due to thirst, said friend , ask for water from them, but because of coming near that house, I was not daring to give my voice, but because of water, I finally had to give my voice, I called out saying that someone is here, thirsty Have started, give me water, hearing this, a very old lady came out from inside, she must have been around 80 - 85 years old, she looked at us in surprise, she was looking at us as if she had seen something before.
Seeing her, I said grandmother we are thirsty, give us water, she made us drink water and then asked where have you come from, when I pointed my finger towards the village in front of her, she said looking at me with great surprise, from there No one comes this way, then how did you guys come, no one has refused you, I told that old lady that I had refused, but I still came, I don't know since when I wanted to come to this place, and Got a chance today.
I asked that old lady, why do the people of the village refuse to come here, then the villagers have declared me cursed, all relations with me, ended many years ago, since then no one here I don't know how you guys came.
I wanted to hear the whole story from that old lady, so I told her, you tell me the whole thing, what was the matter, because of which the villagers did this to you.
Old lady quote is a long story son, it is about those days, when I got married, and I came here, everything was fine, but when the time is bad, it comes together from all sides, the same with me It happened, , my mother-in-law died after three months as soon as I came here, the villagers started calling me, mother-in-law Toku, it was not even my mother-in-law's death anniversary that my father-in-law died, the villagers started calling me Tokku again. , Just as my mother-in-law's father-in-law's death anniversary had completed, one day my husband died after falling from a height while cutting a tree, since then the whole village started thinking that whoever supports me will die, since then considering me as cursed, After ending all relations with me, no one comes here since then.
Hearing the story of Ama, I was speechless that even in today's age people can even boycott such an old man by believing in such fabricated things.
Such incidents are still heard in our country, where women are ostracized as witches or unholy, such evils should be opposed and efforts should be made to add the excluded person to the mainstream.
After this I went there many times, explained to the people, some believed and some are not believed , but got some success, the fear of people going to that old woman was reduced, some people started going, there The old lady was just happy that when she died, the people of the village would be blessed with a shoulder.
composed short story
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