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कहानी दीप दा की


कहते हैं ना की घर को घर बनाने के लिये किसी स्त्री का होना आवश्यक होता है,ओर दीप दा की जिंदगी में इसी चीज की कमी थी, इस कारण बड़ी अस्त व्यस्त जिंदगी थी दीप दा की।

दीप दा के आगे पीछे कोई नही था ,सो उनके विवाह करवाने में कौन ध्यान देता ,इसके चलते उनकी शादी ,अब तक नही हो पाई थी।

जहाँ उनके साथ के लोगों के दो दो, तीन तीन नानतीन ( बच्चे ) हो गये थे ,वहीं दीप दा अब तक कुँवारे ही बैठे थे।

भला कोई क्यों रुचि ले ऐसे आदमी के लिये , जिसका कोई ना हो, ओर जमीन जायदाद भी कोई खास ना हो, शायद यही कारण था की उनकी शादी नही हो पा रही थी।

वैसे दीप दा काफी मेहनती इंसान थे ,मेहनत मजदूरी करके ठीक ठाक पैसा भी कमा लेते थे ,पर कौन उनकी रिश्ते की बात चलाये।

पर कहते हैं ना दिन सबके पलटते हैं, किसी के जल्दी तो, किसी के देर से, ठीक ऐसा ही दीप दा के साथ हुआ बल , हुआ ये की एक बार दीप दा को, गाँव में रहने वाला ठेकेदार लेबरी के लिये अपने साथ पास के ही गाँव में ले गया, जहाँ दीप दा ओर अन्य लेबरों का एक गोठ में रहने का इंतजाम ठेकेदार ने कर दिया।

वो गोठ जिस बुजुर्ग का था ,उस बुजुर्ग की एक लड़की थी, उस गाँव के लोग कहते थे की ,इन बुजुर्ग का ब्या ( शादी ) नही हुआ, ओर जो ये लड़की है ,वो उन्हें जंगल में पड़ी मिली थी, जिसे इन्होने पाला।
जब इस लड़की की वजह से ,किसी ने इनको लड़की नही दी तो, इन्होने ब्या (शादी ) ही नही किया, ओर इस लड़की को ही अपनी बेटी की तरह पाला।

इनको गाँव वालों ने कहा भी के ,इस लड़की को कहीं छोड़ आओ ,तब इन बुजुर्ग ने कहा ,कोई लड़की दे या ना दे, मेरा घर बसे या ना बसे ,मैं इस अनाथ बच्ची को नही छोडूंगा, तब से लेकर अब तक ,वो लड़की बुजुर्ग की बेटी बनकर यही रहती है।

पहाड़ों में ऐसे बच्चों का विवाह होने में दिक्कत आती है ,जिनके खानदान का अता पता ना हो, ओर शायद इसी कारण उन बुजुर्ग की , इस लड़की को भी वर नही मिल पा रहा था, इधर दीप दा का भी कोई ना होने से विवाह नही हो पा रहा था।

काम करने के दौरान ही उन बुजुर्ग को दीप दा का व्यवहार अच्छा लगा, तो उन बुजुर्ग को अपनी बेटी के लिये ,दीप दा अच्छे वर के रूप में दिखे।
उन बुजुर्ग ने ठेकेदार से , दीप दा के बारे में जानकारी जुटाई ,ओर सब कुछ ठीक पा कर, अपनी बेटी की बात ठेकेदार के मार्फत दीप दा से चलवाई, इस तरह दीप दा की शादी देर से ही सही ,पर तय हो गईं।

एक दिन अच्छा महूर्त देख कर आखिरकार बुजुर्ग ने दीप दा से अपनी बेटी की शादी कर दी।
अब दीप दा भी घर बार वाले बन गये ,बौजी भी दुखों में पली ठहरी तो,उन्हें सारा काम आने वाला हुआ ,लगभग सारे कामों में पारंगत थी बौजी।

आते ही दीप दा के बंजर पड़े खेत बौजी ( भाभी ) ने कमाने शुरू कर दिये, अब दीप दा खेती में ज्यादा ध्यान देने लगे थे ,साग सब्जी से लेकर हर फसल उगाने लगे थे वो , ओर जो खाली समय मिलता, उसमें लोगों के खेतों की जुताई कर अतिरिक्त कमाई भी करने लगे थे।

बौजी ( भाभी ) ने एक भैंस भी पाल ली थी, ओर अपने जरूरत का दूध रख कर, ज्यादा दूध रोड किनारे चाय पानी की दुकान चलाने वाले प्रेम दा को बेचने लगे।

दीप दा की जिंदगी ,अब भी व्यस्तता से जरूर भरी थी, पर अब पहले की तरह अस्त - वयस्त नही थी, बल्कि सुकून ओर शाँति से भरी थी।

स्वरचित लघु कथा 

सर्वाधिकार सुरक्षित

Story of Deep Da
 It is said that it is necessary to have a woman to make the house a home, and this was the lack of the same thing in Deep Da's life, due to this, Deep Da was a very busy life.

 There was no one behind Deep Da, so who would pay attention in getting their marriage done, due to which their marriage was not done yet.

 While the people with him had two, three, three, ninety-nine (children), Deep Da was still a virgin.

 Why should anyone take interest for such a man, who has no one, and the land property may not be any special, perhaps that was the reason that he was not getting married.

 By the way, Deep Da was a very hard working person, he could earn a decent amount of money by working hard, but who should talk about his relationship.

 But it is said that the day turns everyone around, some early, some late, the same happened to Deep Da, once Deep Da, the village contractor, came with him to Labari  He took it to the village, where the contractor arranged for Deep Da and other laborers to stay in a cluster.

 The old man who belonged to the Goth (  cluster ) was a girl of that old man, the people of that village used to say that these elders were not married (married), and the girl who was found in the forest had found them, which they brought up.
 When, because of this girl, no one gave her a girl, he did not marry (married), and raised this girl like her own daughter.

 The villagers said to them, leave this girl somewhere, then these elders said, whether or not to give a girl, settle my house or not, I will not leave this orphaned girl, from then until now, The girl lives as the daughter of an elder.

 There is a problem in the marriage of such children in the mountains, whose clan is not known, and perhaps this is the reason why those elders, even this girl, was not able to get a bridesmaid.  Was able to happen

 While working, those elders liked Deep Da's behavior, so those elders should see Deep Da as a good groom for their daughter.
 Those elders gathered information from the contractor, about Deep Da, and after getting everything right, got his daughter to talk to Deep Da through the contractor, thus, Deep Da's marriage was fixed on late.

 One day, after seeing a good moment, the elder finally married his daughter to Deep Da.
 Now Deep Da also became a household bar, Bouji also grew up in misery, she got all the work done, Bouji was well versed in almost all the work.

 Soon after, the barren fields of Deep Da started earning money, now Deep Da had started paying more attention to farming, he started growing every crop from vegetable to vegetable, and in the free time he got, the fields of the people.  After plowing, they were also earning extra money.

 Bauji (sister-in-law) had also raised a buffalo, and by keeping the milk he needed, started selling more milk to Prem Da, who runs a tea water shop on the roadside.

 Deep Da's life was still full of busyness, but was not as busy as before, but was relaxed and peaceful.

 Scripted short story

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