कुलोमणी जोशी ब्रहामण कुल में जरूर पैदा हुआ , पर पढ़ाई नही करी ठहरी , ऐसा नही की घर वालों ने स्कूल नही डाला ठहरा , पर कुलोमणी का मन लगे तब स्कूल जाता ना। घर से झोला लेकर रोज निकलता ओर आधे रास्ते से गायब ,कभी ऊँचे डाँडे में टाइम बीता देता तो 'कभी गाड (नदी ) में जाकर मछली पकड़ता रहता ऐसे ही दिन बीता दिये ठहरे ओर रह गया ठहरा अनपढ़। बोज्यू ने कितनी बार खूब चूटा ( मारा ) भी पर कुलोमणी को नही पढ़ना था सो नही पढ़ा , साथ के सभी ब्रहामण पुत्र पूजा पाठ करवाने लगे पर कुलोमणी को इसकी क ख ग भी नही आती थी। इधर बोज्यू कभी कभी बोलते साला काहे का कुलोमणी कुल खामणी निकला ये , पता नही कैसे पेट भरेगा , पूजापाठ के काम का तो है नही। तब कुलोमणी की ईजा बोलती , करेगा कुछ देख लेना , पूजापाठ ना सही तो कुछ ओर करेगा , ऐसा मत बोला करो बल तुम इसको , इकलौता है भाग गया तो क्या करेंगे बल , पर कुलोमणी कहाँ भागने वाला था , उसे तो ये पहाड़ नही जाने देते थे। थोडा ओर बड़ा हुआ तो , समझ आई की कुछ करना पड़ेगा , बोज्यू की पूजापाठ अब कम हो चली थी , इधर उधर ज्यादा भाग नही पाते थे। पर वो कर...
To get stories,information of Uttrakhand,Uttrakhand tourism,UttrakhandCulture,Uttrakhand news and Uttrakhand Tourism visit us.